रविवार, 19 सितंबर 2010

दो रीपीया मैं


अफसर बड़ो ही,
उसूल पसंद।
रिश्वत लेण गो,
न्यारो ई ढंग।
जित्ती तारीख,
बित्ता ही रीपीया लेवै।
फेर अगलै गो,
काम कर'र देवै।
गणतन्त्र दिवस पर,
छब्बीस लेंतो।
शहीद दिवस पर,
तीस लैस्यूं कैंतो।
लोग भी खूब नहले पर,
दहला टिकावंता।
घणकरा सा काम,
गांधी-जयन्ती आळै दिन ही करांवता।

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