रूपसिंह राजपुरी
रविवार, 19 दिसंबर 2010
सीख
बरसना है तो रामजी ढंग स्यूं बरसो,
गाजण-गूजण में के पड़यो है |
पति न परमेशर मानो ए पत्नियों,
साजण-सूजण में के पड़यो है |
घरूं पढ़ण जान्ती छोरियां न इत्तो ई कहंनो है ,
थे दौड़ लगाण सीख ल्यो,
भाजण-भूजण में के पड़यो है
1 टिप्पणी:
Gyan Darpan
सोमवार, मार्च 07, 2011 7:34:00 pm
जोरदार बात केई सा |
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