पटाखों की दुकान पर मुन्ना बोला - मम्मी! फुलझड़ी मत लेना, पड़ोस में बहुत पड़ी है। कल पापा पड़ोसन आंटी से प्यार करते हुए कह रहे थे तू तो मेरी जान खुद फुलझड़ी है॥ तब मम्मी बोली - डोंट वरी, मैंने, सब हिसाब बराबर किये हैं। पटाखों वाले अंकल को पैसे कहां दिये हैं।
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