गुरुवार, 4 नवंबर 2010

फुलझड़ी


पटाखों की दुकान पर
मुन्ना बोला - मम्मी!
फुलझड़ी मत लेना,
पड़ोस में
बहुत पड़ी है।
कल पापा पड़ोसन आंटी से
प्यार करते हुए
कह रहे थे
तू तो मेरी जान
खुद फुलझड़ी है॥
तब मम्मी बोली -
डोंट वरी, मैंने,
सब हिसाब
बराबर किये हैं।
पटाखों वाले अंकल को
पैसे कहां दिये हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें