रूपसिंह राजपुरी
रविवार, 19 सितंबर 2010
घड़ी अर घर आली
रामू बोल्यो, श्यामू बता,
घड़ी अर घर आली मैं कितो फर्क है।
श्यामू बोल्यो, ईं बात मैं ओई तर्क है,
घड़ी बिगड़ज्या, तो घर मैं ना खोल।
अर घर आली बिगड़ज्या
तो बींगै सामै ना बोल।
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