रूपसिंह राजपुरी
रविवार, 19 सितंबर 2010
फब्बारा सिस्टम
जद स्यूं चाल्यो है,
खेतां मैं फब्बारा सिस्टम।
कई किसानां गी,
किस्मत जाग गी।
बूंद-बूंद स्यूं तो घड़ो ई नीं भरतो,
अब भखारी भरण लागगी।
टयूबवैल पर 'फागण' गावै,
ट्राली भर मण्डी नै जावै।
जकै नै चा पीण गी भी,
आदत नीं होंती।
दारू पीण गी बीनैं,
बाण लाग गी।
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