रूपसिंह राजपुरी
रविवार, 19 सितंबर 2010
पुर्जो
बी.ए. गी परीक्षा मैं,
एक छोरी नकल गी परची ले'र आई।
एग्जामिनरां री नजर स्यूं,
बा बच कोनी पाई।
बुढो प्रोफेसर बोल्यो- नारी वर्ग भी अब,
मर्दां स्यूं आगी जाण लागरिया है।
जवान प्रोफेसर बोल्यो- जणां ई तो,
आजकल पुर्जा भी पुर्जा ल्याण लागरिया है।
1 टिप्पणी:
Unknown
गुरुवार, अक्तूबर 07, 2010 4:45:00 am
sir ji ye purja to gajab h
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
sir ji ye purja to gajab h
जवाब देंहटाएं