रूपसिंह राजपुरी
शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2010
IN FARM
1 टिप्पणी:
ओम पुरोहित'कागद'
रविवार, अक्तूबर 31, 2010 4:32:00 am
वाह जी !
रूप सिंह जी रो ओ रूप !
पै’ली बार देख्यो है !
बधाई !
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वाह जी !
जवाब देंहटाएंरूप सिंह जी रो ओ रूप !
पै’ली बार देख्यो है !
बधाई !